IPO : Initial Public Offering
Full Form : शुरुआती सार्वजानिक प्रस्ताव (Initial Public Offering )
जब कोई व्यवसाय कंपनी बड़े स्तर पर काम शुरू करती है लेकिन, फंड बड़ा चाहिए होता है। वो फंड पब्लिक से इक्कठा करने के लिए अपना शेयर एक्सेंज से लिस्ट करवाने आवेदन करती है। जब पहली बार शेयर राजिस्टर होता है तब वो, आईपीओ के तौर पर रजिस्टर होता है। जब पब्लिक आईपीओ में इन्वेस्ट करते है तब, वो कंपनी में कानून साझेदारी का हिस्सा रखते है।
इस तरह कंपनी इन्वेस्ट के लिए ऑफर निकालती है। यह प्रोसेस सेबी सिक्योरिटी बोर्ड ऑफ एक्सचेंज से होती है। सभी डॉक्यूमेंट वेरिफाइंग के बाद सेबी एक्सचेंज से आईपीओ ऑफरिंग की परमिशन देती है। जब पर्मिसिन मिल जाती है उसके बाद, एक्सचेंज उस कंपनी का शेयर लिस्टिंग के लिए आईपीओ निकालती है। आईपीओ ब्रोकरेज कंपनी के जरिए ऑफरिंग इन्वेस्टमेंट फिलिंग कार्य होता है।
IPO निश्चित समय में जारी और पूर्ण किया जाता है।
IPO के बारेमे ज्यादा जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट पर देख सकते हैं।
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